फाइल-रेती (File)
फाइल एक प्रकार की कटिंग टूल है जिसका प्रयोग जॉब से अनावश्यक धातु (Surplus Metal) को हटाने के लिये किया जाता हैं। इसके द्वारा बहुत कम धातु काटी जा सकती है और धातु छोटे-छोटे कणों के रूप में कटती है। फाइल का प्रयोग करने के लिये इसे प्रायः जॉब की सरफेस पर आगे-पीछे चला कर रगड़ना पड़ता है।
जिस क्रिया के द्वारा फाइल से धातु को रगड़ा जाता है उसे फाइलिंग (Filing) कहते हैं।
फाइलिंग प्रायः फ्लैट एवं गोलाई की सरफेस, स्लॉट, विभिन्न आकार के सुरखों और एंगुलर सरफेस पर की जाती है। फाइलिंग के लिये एलाउंस भी कम रखा जाता है प्राय: 0.025 मि.मी. से 0.5 मि.मी. तक फाइलिंग एलाउंस रखा जाता है। फाइलिंग कार्यक्रिया के द्वारा कार्य को 0.05 मि.मी. से 0.2 मि.मी. तक परिशुद्धता में बनाया जा सकता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में फाइलिंग करके कार्य को कभी-कभी 0.02 मि.मी. या 0.01 मि.मी. की परिशुद्धता में भी बनाया जाता है।
मेटीरियल (Material)- फाइल प्रायः हाई कार्बन स्टील, कास्ट स्टील या अच्छे ग्रेड की टूल स्टील से बनाई जाती है। इसकी पूरी बॉडी को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है और टैंग को मुलायम रखा जाता है जिससे हैंडल फिट करते समय टैंग टूटने नहीं पाती है।
पार्ट्स (Parts)-फाइल के मुख्यत: निम्नलिखित पार्ट्स होते हैं:-
1. प्वाइंट (Point) 2. फेस (Face) 3. ऐज (Edge) 4. शोल्डर (Shoulder)
5. हील (Heel) 6. टैंग (Tang)
वर्गीकरण (Classification) - फाइल का वर्गीकरण निम्नलिखित के अनुसार किया जाता है।
1. लंबाई (Length)
2. आकार (Shape)
3. ग्रेड (Grade)
4. कट (Cut)
लंबाई (Length)- फाइल का साइज या लंबाई उसकी हील (Heel) से प्वाइंट (Paint) के बीच की दे से लिया जाता है। लंबाई में 100 से 200 मि.मी. तक फाइन कार्यों के लिए और 200 से 450 मि.मी. त बड़े कार्यों के लिये फाइलें प्रयोग में लाई जाती हैं।
आकार (Shape)- आकार के अनुसार निम्नलिखित प्रकार की फाइलें प्रयोग में लाई जाती हैं
1. फ्लैट फाइल (Flat File)- इस फाइल का क्रॉस सेक्शन (Cross Section) आयताकार होता है जिसका आगे का लगभग 1/3 भाग टेपर और पीछे का लगभग 2/3 भाग समानांतर होता है इसके दोनों फेसों (Faces) पर प्रायः डबल कट और दोनों एजेस् पर सिंगल कट दांते कटे होते हैं। इस फाइल का अधिकतर प्रयोग साधारण कार्यों के लिये किया जाता है।
इसका मुख्य प्रयोग फ्लैट सरफेस बनाने के लिये किया जाता है।
2. हाफ राउंड फाइल (Half Round File)- इस फाइल का क्रॉस सेक्शन अर्ध गोलाकार होता है जिसका नीचे का भाग चपटा और अपर का भाग अर्धगोल होता है। इसके चपटे फेस पर प्रायः डबल कट दांते और अर्ध गोल फेस पर सिंगल कट दांते कटे होते हैं। इस फाइल का अधिकतर प्रयोग किसी सुराख को बढ़ाने के लिये, नतोदर (Concave) सरफेस पर फाइल लगाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग फ्लैट सरफेस पर भी किया जाता है।
3. राउंड फाइल (Round File)- इस फाइल का क्रॉस सेक्शन गोलाकार होता है। इस फाइल की बॉडी पर प्राय: सिंगल कट दांते कटे होते हैं। इस फाइल का मुख्य प्रयोग गोल सुराखों को बढ़ाने के लिए और नतोदर (Concave) सरफेस पर किया जाता है।
4. स्क्वायर फाइल (Square File)- इस फाइल का क्रॉस सेक्शन वर्गाकार होता है। इसके सभी चारों फेसों (Faces) पर प्रायः डबल कट दांते कटे होते हैं। इस फाइल का मुख्य प्रयोग वर्गाकार या आयताकार सुराखों को बनाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग चाबीघाट (Keyways), आयताकार नालियों और गियर के दांतों को फाइल लगाने के लिए भी किया जाता है।
5. ट्रियांगुलार फाइल (Triangular File)- इस फाइल को श्री स्क्वायर फाइल भी कहते हैं। इसका क्रॉस सेक्शन त्रिकोण होता है और प्रत्येक भुजा 60° के कोण में बनी होती है। इस फाइल के सभी तीन फेसों (Faces) पर प्रायः डबल कट दांत होते हैं। इस फाइल का अधिकतर प्रयोग V आकार के युवा बनाने के लिए, वर्गाकार, आयताकार, त्रिभुजाकार स्लॉट (Slot) और सुराख बनाने के लिये किया जाता है।
6. हैंड फाइल (Hand File)- इस फाइल की फाइल के दोनों छोर (Edges) चौड़ाई में एक दूसरे के समानान्तर होते हैं और इसके एक छोर पर दांते नहीं कटे होते हैं। इसलिये इस फाइल को सेफ ऐज फाइल भी कहते हैं। इस फाइल का प्रयोग करते समय जॉब पर बनी 20 वालो संलग्न भुजा खराब नहीं होने पाती है। इस फाइल का अधिकतर प्रयोग वर्गाकार या आयताकार सुराख बनाने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा समकोण में बने स्टेप (Step) और शोल्डर (Shoulder) को भी बनाया जाता है।
7. नाइफ ऐज फाइल (Knife Edge File)- इस प्रकार की फाइल का आकार चाकू जैसा होता है। यह फाइल क्रमश: चौड़ाई और मोटाई में टेपर होती है। इसका अधिकतर प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर 30° से कम कोण में जॉब को बनाने के लिए फाइल करने की आवश्यकता पड़ती है। इसका प्रयोग ग्रूव व स्लॉट के कोनों (Corners) को साफ करने के लिये भी किया जाता है।
ग्रेड (Grade) - फाइल के फेस पर प्रति सेंटीमीटर में कटे हुए दांतों की संख्या को फाइल का ग्रेड कहते हैं। भिन्न-भिन्न लंबाई की फाइलों पर दांतों की संख्या भी अलग-अलग होती है। ज्यों-ज्यों प्रति से मी. दांतों की संख्या बढ़ती जाती है दांत बारीक होती जाती हैं इस प्रकार बारीक दांतों वाली फाइल कम धातु काटने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। ग्रेड के अनुसार प्रायः निम्नलिखित फाइलें प्रयोग में लाई जाती हैं :-
1. रफ फाइल (Rough File)- इस ग्रेड की 100 से 450 मि.मी. लंबी फाइल में दांतों कीसंख्या 4.5 से 10 प्रति से.मी. होती है। इस ग्रेड वाली फाइल का प्राय: वहां पर प्रयोग में लाते हैं जहां पर मुलायम और अधिक धातु काटनी होती है।
बास्टर्ड फाइल (Bastard File)- इस ग्रेड की 100 से 450 मि.मी. लंबी फाइल में दांतों की संख्या 6 से 18 प्रति से.मी. होती है। इस ग्रेड वाली फाइल का प्रयोग प्रायः वहां पर किया जाता है जहां पर जॉब पर अधिक फिनिशिंग की आवश्यकता न हो और शुरू में अधिक धातु काटनी होती है।
3. सेकंड कट फाइल (Second Cut File)- इस ग्रेड की 100 से 450 मि.मी. लंबी फाइल में दांतों की संख्या 11 से 21 प्रति से. मी. होती है। इस ग्रेड की फाइल का अधिकतर प्रयोग फिटिंग शॉप में किया जाता हैं जहां पर जॉब की साधारण फिटिंग करनी हो और उसे फिनिश भी करना होता है।
4. स्मूथ फाइल (Smooth File)- इस ग्रेड की 100 से 450 मि.मी. लंबी फाइल में दांतों की संख्या 15से 30 से.मी. होती है। इस ग्रेड वाली फाइल का अधिकतर प्रयोग जॉब को सेंकड कट फाइल की अपेक्षा अधिक निवेश करने की आवश्यकता होती है।
5. डैड स्मूथ फाइल (Dead Smooth File)- इस ग्रेड की 100 से 300 मि.मी. लंबी फाइल में दांतों को संख्या 28 से 35 प्रति से मी. होती है। इस ग्रेड की फाइल का अधिकतर प्रयोग फाइन फिनिशिंग के लिये किया जाता है।
6. स्मूथ फाइल (Super Smooth File)- इस ग्रेड की 100 से 250 मि.मी. लंबी फाइल में । संख्या 40 से 63 प्रति से.मी. होती है। इस ग्रेड की फाइल का अधिक प्रयोग जॉब बहुत अधिक (Accuracy) में फाइन फिनिशिंग के लिये किया जाता है।
कट के अनुसार
कार्य के अनुसार फाइल पर भिन्न-भिन्न आकार के दांत काटे जाते हैं जिससे विभिन्न कार्य आसानी से किये जा सकते हैं कट के अनुसार प्रायः निम्नलिखित फाइलें प्रयोग में लाई जाती हैं
फाइल के कट (Cuts of File)
1. सिंगल कट फाइल (Single Cut File)- इस प्रकार की फाइल में दांते फाइल के फेस पर एक ही सेट में एक-दूसरे के समानांतर काटे जाते हैं। इसमें दांते सेंटर लाइन से 60° के कोण में बने होते हैं। इस कट वाली फाइल का अधिकतर प्रयोग मुलायम धातुओं पर किया जाता है जैसे पीतल, तांबा, एल्युमीनियम इत्यादि।
इसका प्रयोग फाइन फिनिशिंग के लिए भी किया जाता है।
2. डबल कट फाइल (Double Cut File)- इस प्रकार की फाइल में दांते फाइल के फेस पर दो सेटों में कटे होते हैं जो कि एक-दूसरे को क्रॉस करके काटे जाते हैं। पहले सेट के दांते सेंटर लाइन से 60° के कोण में कटे होते हैं जिसे ओवर कट कहते हैं और दूसरे सेट के दांते सेंटर लाइन से 75 से 80° कोण के कटे होते हैं जो कि पहले सेट के दांतों को क्रॉस करते हैं जिसे अपकट कहते हैं जैसा कि चित्र 5.21 में दिखाया गया है। इस कट वाली फाइल प्रायः साधारण कार्यों के लिये प्रयोग में लाई जाती है।
3. रास्प कट फाइल (Rasp Cut File)- इस प्रकार की फाइल के फेस पर दांते मोटे और उभरे हुए काटे जाते हैं। इस कट वाली फाइल का अधिकतर प्रयोग लकड़ी, फाइबर, सीसा इत्यादि पर किया जाता है। देखिये चित्र 5.20 (c)।
4. सर्क्यलर कट फाइल (Circular Cut File)- इस प्रकार की फाइल के फेस पर दांते वक्र काट में कटे होते हैं। इस कट वाली फाइल बहुत कम धातु काटती है। इसका प्रयोग प्रायः मुलायम धातुओं पर फिनिशिंग के लिये किया जाता है। इस कट वाली फाइल को विक्सन या रिजिड फ्लैट फाइल भी कहते हैं।