( Introduction)- वर्कशाप में जब पार्ट्स का उत्पादन किया जाता है तो कारीगर को पार्ट्स के बेसिक साइजों को थोड़ा सा बड़ा या छोटा बनाने की छूट दी जाती है। यह छूट इतनी दी जाती है कि इसमें पार्ट्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। क्योंकि कई कारण ऐसे होते हैं जिनसे पार्ट्स को परिशुद्ध साइज में नहीं बनाया जा सकता है जैसे सूक्ष्ममापी औजारों की गलती , मशीन सेटिंग की गलती , टूल की खराबी आदि के कारण पार्ट्स को बनाते समय साइज में कुछ अंतर आ सकता है। इसके अतिरिक्त यदि पार्ट्स को परिशद्ध माप में बना भी लिया जाए तो समय अधिक लगता है। इसलिए पार्ट्स को बनाने के लिए सीमा निर्धारित कर दी जाती है कि पार्ट्स को बेसिक साइज से कितनी सीमा में अधिक या कम साइज में बनाया जा सकता है। इससे कारीगर को पार्ट्स के साइज बनाने में आसानी रहती है और इस सीमा में बने पार्ट्स खराब भी नहीं होते और अपना कार्य भली भांति करते हैं। अत: बेसिक साइज पर स्वीकृत अधिकतम या न्यूनतम जिस सीमा में पार्ट्स के साइज बनाए जा सकते...