हैमर (Hammer)- जब हम वर्कशाप में कार्य करते है तब कार्य करते समय अलग - अलग प्रकार के कई कार्य करने पड़ते हैं और प्रायः ऐसे भी कार्य करने पड़ते हैं जिन पर ठोंक-पीट करनी कि आवश्यकता होती है और जिस टूल्स से चोट करते है उससे 'हैमर' कहते हैं।
इसकी बनावट में एक सिरे पर पेन दूसरे सिरे पर फेस और बीच में आई होल बना होता है जिसमें एक हैंडल लगाया जाता है। हैमर प्रायः हाई स्टील से बनाये जाते हैं और इसके फेस और पेन को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है।
कार्य के अनुसार ये भिन्न-भिन्न आकारों और वजन में पाये जाते है।
वर्गीकरण (Classification) - हैमर का वर्गीकरण उसके पेन के आकार और इसकी वजन के आधार पर किया जाता है।
जैसे - बाल पेन हैमर 150 किग्रा. 200 किग्रा.
पार्ट्स (Parts)-हैमर के निम्नलिखित मुख्य पार्ट्स होते हैं
1. पेन (Pane)
2. फेस (Face)
3. आई होल (Eye Hole)
4. हैड (Head)
5. हैंडल (Handle)
7. वेज (Wedge)
1. बाल पिन हैमर (Ball Peen Hammer)-यह एक बहुत ही साधारण प्रकार का औजार है जिसका चपटा होता है और पेन बाल के समान गोल होती है। इस हैमर का अधिकतर प्रयोग चिपिंग और रिकॅटिंग। करने के लिये किया जाता है। भारतीय स्टैण्डर्ड (BIS) के अनुसार ये 0.11 से 0.911 जाते हैं। प्राय: हल्के कार्यों के लिये 0.33 कि.ग्रा., मध्यम कार्यों के लिये 0.45 कि.ग्रा. और भारी कार्यों के लिये 0.91 कि.ग्रा. के हैमर प्रयोग में लाये जाते हैं।
क्रॉस पिन हैमर - इस हैमर का फेस चपटा होता है और पेन हैंडल के क्रॉस में (Cross) में बनी होती है। इनका अधिकतर प्रयोग शीट के जॉब में नालियां (Grooves) बनाने के लिये, और शीट के जॉब को मोड़ते समय उनके अन्दरुनी मोड़ पर चोट लगाने के लिये किया जाता है। भारतीय स्टैडर्ड (B.I.S) के अनुसार ये 0.11 से 0.91 कि.ग्रा. तक कार्य के अनुसार बाजार में पाए जाते है।
स्ट्रेट पिन हैमर (Straight Peen Hammer)- इस हैमर का फेस चपटा होता है। पेन इसके आई होल के हैंडल के सामने बनी होती है। इसका अधिकतर प्रयोग धातु को फैलाने के लिये, शीट के जॉब में चेनल और नालियां बनाने के लिये किया जाता है। भारतीय स्टैण्डर्ड के अनुसार अलग - अलग साइज और वज़न के बाजार में उपलब्ध है।
स्लेज हैमर (Sledge Hammer)- स्लेज हैमर दूसरे प्रकार के हैमरों से भारी होते है। जिनका अधिकतर प्रयोग लौहारों द्वारा किया जाता है। ये वजन में प्रायः 2 से 10 कि.ग्रा. तक पाये जाते हैं। इनका अधिकतर प्रयोग बड़े कार्यों पर चोट लगाने के लिये किया जाता है।
सॉफ्ट हैमर (Soft Hammer)- इस प्रकार के हैमर प्राय: नर्म धातुओं से बनाये जाते हैं जैसे तांबा, पीतल, सीसा इत्यादि। इस हैमर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर मशीनिंग किये हुए फिनिश पार्ट्स को चोट लगा कर फिट करने की आवश्यकता होती है।
प्लास्टिक हैमर (Plastic Hammer)- इस प्रकार की हैमर की बॉडी प्राय: स्टील की बनी होती है। इसके दोनों सिरे पर प्लास्टिक के टुकड़ों को साइज के अनुसार बना कर फिट कर दिया जाता है और हैमर का अधिकतर प्रयोग फिनिश किये हुए पार्ट्स को फिट करते समय चोट लगाने के लिये किया जाता है। इस हैमर का प्रयोग हल्के कार्यों के लिये प्रयोग में लाये जाते हैं।
रॉ हैमर (Row Hide Hammer)- इस प्रकार के हैमर की बॉडी प्रायः स्टील की बनी होती है और इसके दोनों सिरों पर कच्चे चमड़े के टुकड़ों को लगा दिया जाता है। इनका अधिकतर प्रयोग साफ्ट हैमर की तरह किया जाता है।
मैलेट हैमर (Mallet Hammer) - लकड़ी के बने हुए हैमर को मैलेट कहते हैं। ये प्रायः कड़ी लकड़ी के बनाये जाते हैं। मैलेट हैमर का अधिकतर प्रयोग शीट मेटल के कार्यों के लिये किया जाता है। जैसे शीट को मोडना या सीधा करना इत्यादि। बढ़ई के कार्यों के लिये भी किया जाता है।








