Skip to main content

वर्नियर कैलीपर क्या है ?


वर्नियर कैलीपर एक प्रकार का सूक्ष्ममापी यंत्र है जिसकी सहायता से किसी जॉब की .001'' या .02 mm सूक्ष्मता में माप ली जा सकती है। इसका प्रयोग किसी जॉब की बाहरी अंदरूनी और गहराई कि मापो को मापने के लिए किया जाता है।

सिद्धांत (Principal) - यह दो स्केल के अंतर के आधार पर बनाया जाता है। इसमें एक मेंन स्केल और दूसरा वर्नियर स्केल होता है। इन दोनों स्केल के अल्पतमांक के अंतर के आधार पर काम करता है।

मेटेरियल (Marterial) - वर्नियर कैलीपर प्राय: निकल क्रोमियम स्टील के बनाए जाते हैं।

साइज (साइज) - मैट्रिक पद्धति में 150 mm से 300 mm तक के साइज पाए जाते हैं और इंग्लिश पद्धति में 6 inch और 24 inch तक साइज के मार्केट में मिल जाते हैं।

बनावट (Construction) - वर्नियर कैलिपर के बनावट में निम्न पार्ट्स होते हैं।
1. मेन स्केल
2. फिक्स जा
3. मूवेबल जा
4. वर्नियर कैलीपर्स
5. फाइन एड जस्टिंग यूनिट
6. लॉकिंग स्क्रू
7. फाइन एड जस्तिंग स्क्रू
8. इनर मेजरिंग जॉ
9. डेप्थ गेज


अल्पतमांक (Least Count) - वर्नियर कैलीपर के द्वारा जो न्यूनतम से न्यूनतम माप ली जा सकती है उसे अल्पतमांक या least count कहते हैं।

मीट्रिक वर्नियर कैलीपर प्राय: 0.02 mm के लिस्ट काउंट वाले पाए जाते हैं जिसके मेन स्केल की ग्रेजुएशन mm में होती है और 49 डिवीजनो को 50 बराबर भागों में बांटकर वर्नियर स्केल बनाया जाता है।

लीस्ट काउंट इस विधि द्वारा निकाला जा सकता है -

मैंने स्किल के एक डिवीजन का मान = 1 mm

50 वर्नियर स्केल डिवीजन = mm

1 वर्नियर स्केल डिवीजन = 49 × 1/50 = 0.98 mm

लिस्ट काउंट = मैं स्केल के 1 डिवीजन का मान - वार्ड नियर स्केल के 1 डिवीजन का मान = 1.00-0.98 = 0.02 mm









Popular posts from this blog

स्पेनर क्या होता है ? स्पेनर के प्रकार -

स्पेनर क्या होता है ? स्पेनर के प्रकार - जब अस्थाई रूप से फिट किये जाने वाले पुर्जे या पार्ट्स को अधिकतर नट और बोल्ट के द्वारा जोडे जाते हैं। जिनको कसने व ढीला करने के लिए जिस टूल का प्रयोग मे लाया जाता है। उसे स्पेनर (Spanner) कहते हैं। मेटेरियल (Material) - यह कास्ट आयरन, कास्ट स्टील, मीडियम कार्बन स्टील, निकल क्रोम स्टील, क्रोम वेनेडियम स्टील व वैनेडियम एलॉय स्टील से बनाये जाते है। स्पेनर्स को उसके आकार और कार्य के साइज के अनुसार बनाया जाता है। स्पेनर्स का साइज इसके ऊपर लिखा रहता हैं। इसका साइज नट या बोल्ट के हैड के साइज के अनुसार  रहता है। जैसे - सिंगल एण्डिड स्पेनर 20 मि.मी. का है तो यह स्पेनर नट या बोल्ट के 20 मि.मी. के हैड पर ही प्रयोग में लाया जा सकता है।   स्पेनर के प्रकार(Types of spanners) 1. सिंगल ऐण्डिड स्पेनर (Single Ended Spanner)-  इस प्रकार के स्पेनर का एक ही मुंह होता है जो कि एक निश्चित साइज में बना होता है। इस स्पेनर का प्रयोग केवल एक साइज के नट व बोल्ट को ढीला करने व कसने के लिए किया जाता है। 2. डबल ऐण्डिड स्पेनर (Double Ended Spanner)...

प्लायर्स (Pliers) क्या होता है ? कितने प्रकार के होते है ?

प्लायर्स(Pliers) क्या होता है ? कितने प्रकार के होते है ? प्लायर्स एक प्रकार का हैंड टूल्स है। जिसका प्रयोग वर्कशॉप में कार्य करते समय छोटे-छोटे पार्ट्स को पकड़ने के लिए किया जाता है। प्लायर्स अधिकतर कास्ट स्टील का बनाया जाता है। प्लायर्स के मुख्य पार्ट्स - हैंडल, रिवेट, जॉस होता है। प्लायर्स के प्रकार (Types of Pliers) 1. साइड कटिंग प्लायर्स (Side Cutting Pliers) - इसको फ्लैट नोज़ प्लायर भी कहते हैं। इसके दोेनो जॉ के बीच में कटिंग ऐज बने होते हैं। जिससे तार को कटा जा सकता है। इस प्लायर्स का प्रयोग अधिकतर वर्कशॉप के सभी विभागों में किया जाता है। बिजली विभाग में इस प्लायर्स को प्रयोग में लाया जाता है। 2. लांग नोज़ प्लायर्स (Long Nose Pliers) - इस प्रकार के प्लायर्स के जॉ लंबे और आगे से नुकीले होते हैं। इसका प्रयोग प्रायः तंग स्थानों पर किसी पार्ट्स को पकड़ने के लिये किया जाता है। इसका अधिकतर प्रयोग बिजली मैकेनिक और छोटे-छोटे मैकेनिकल कार्य के किया जाता हैं। इसके जॉ में भी कटिंग ऐज बने होते हैं। जिससे तार को काटा जा सकता है। 3. स्लिप ज्वाइंट प्लायर्स (Slip Joint...

'सी' क्लेेम्प क्या होता है ?

यह अंग्रेजी के अक्षर 'C' के आकार का बना हुआ क्लेम्प होता है जिसकी बनावट में एक स्क्रू, हैंडल और फ्रेम होते हैं। स्क्रू और हैंडल माइल्ड स्टील के बने होते हैं और फ्रेम प्राय: कास्ट स्टील से बनाया जाता है। कार्य वा उपयोग के अनुसार ये तीन प्रकार के प्रयोग में लाये जाते हैं। बड़े कार्यों के लिये हैवी ड्यूटी (Heavy Duty), साधारण कार्यो के लिये जनरल सर्विस (General Service) और छोटे व हल्के कार्यो के लिए लाइट ड्यूटी (Light Duty) 'सी' क्लेम्प प्रयोग में लिया जाता हैं। साइज (Size)- 'सी' क्लेम्प में अधिक-से-अधिक जितने साइज का जॉब बांधा जा सकता है उसके अनुसार इसका साइज किया जाता है- जैसे 100 मि.मी. वाले 'सी' क्लेम्प में 100 मि.मी. साइज तक के जॉब बांधे जा सकते हैं। प्रयोग (Uses)- 'सी' क्लेम्प का अधिकतर प्रयोग मार्किंग, ड्रिलिंग, सोल्डरिंग, ब्रेजिंग इत्यादि करते समय दो या दो से अधिक पार्ट्स को क्लेम्प करने के लिये किया जाता है। अधिकतर छोटे व हाथ के कार्यों में प्रयोग में लाए जाते हैं।